सर्वेश्वरदयाल सक्सेना - लेख सूची

हम

हल की तरह कुदाल की तरह या खुरपी की तरह पकड भी लूँ कलम को तो भी फसल काटने को मिलेगी नहीं हमको। हम तो जमीन ही तैयार कर पायेंगे क्रान्तिबीज बोने कुछ बिरले ही आयेंगे। हरा-भरा वही करेंगे मेरे श्रम को सिलसिला मिलेगा आगे मेरे क्रम को। कल जब फसल उगेगी लहलहायेगी मेरे न …